व्यक्तिगत स्वच्छता
स्वास्थ्य
जो भोजन हम खाते हैं, हम जिस तरह अपने शरीर को साफ रखते हैं, शारीरिक व्यायाम करते हैं और सुरक्षित यौन संबंध अपनाते हैं, ये सभी हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। कई बीमारियाँ सफाई के अभाव में पैदा होती हैं। परजीवी, कीड़े, फफूंद, घाव, दांतों का सड़ना, डायरिया और पेचिश जैसी बीमारियाँ निजी स्वच्छता के अभाव में पैदा होती हैं। केवल साफ रहकर ही इन बीमारियों को रोका जा सकता है।सिर की सफाई
सप्ताह में एक या दो बार सिर की सफाई शैंपू या किसी अन्य चीज (शिकाकाई) से करनी चाहिए।आँख, कान और नाक की सफाई
- अपनी आंखों को हर रोज साफ पानी से धोएं।
- कान में गंदगी जमने से हवा का रास्ता रुक जाता है। इससे दर्द भी होता है। इसलिए सप्ताह में एक बार रुई से कानों को साफ करें।
- नाक से निकलनेवाले पदार्थ सूख कर जमा होते हैं और बाद में नाक को बंद कर देते हैं। इसलिए जब जरूरत हो, नाक को साफ करते रहें। बच्चों को जब सर्दी हो या नाक बहता हो, मुलायम कपड़े से नाक को साफ करें।
मुँह की सफाई
- मुलायम टूथ पाउडर और पेस्ट दांतों की सफाई के लिए उचित हैं। हर दिन दो बार ब्रश करें, पहली बार सुबह में जैसे ही आप जगें और फिर रात को बिस्तर पर जाने से पहले। कोयले का चूर्ण, नमक या खुरदरा पाउडर का इस्तेमाल करने से दांत के बाहरी हिस्से पर खरोंच पड़ जाते हैं।
- भोजन करने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें। इससे दांतों में फंसे भोजन के कण, जिनसे दुर्गंध, मसूड़ों में सड़न पैदा होती है, बाहर निकल जाते हैं।
- पौष्टिक भोजन लें। मिठाई, चॉकलेट, आइसक्रीम और केक कम खायें।
- जब आप दांतों में सड़न देखें, तत्काल किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- नियमित और सही तरीके से ब्रश करने से दांतों पर जमनेवाली परत से छुटकारा मिलता है। अपने दांतों की सफाई के बारे में नियमित रूप से विशेषज्ञ से संपर्क करें।
त्वचा की देखभाल
- त्वचा शरीर को ढंकती है, इसके अंगों की रक्षा करती है और शरीर का तापमान बनाये रखने में मदद करती है।
- त्वचा शरीर की गंदगी को पसीने के रूप में बाहर निकलने में मदद करती है। दोषपूर्ण त्वचा में पसीने की ग्रंथियां बंद हो जाती हैं और इसके कारण घाव, फुंसी आदि निकलते हैं।
- हर दिन साबुन और साफ पानी से नहायें, ताकि त्वचा साफ रहे।
हाथ धोना
- हम लोग विभिन्न कार्यों को करने जैसे भोजन करने, शौच के बाद हाथ की सफाई, नाक की सफाई, गाय का गोबर हटाने आदि में हाथ का प्रयोग करते हैं। इस दौरान बीमारी पैदा करनेवाले कीड़े नाखून के नीचे और त्वचा के ऊपर जम जाते हैं। कोई भी काम करने के बाद हाथों को कलाई के ऊपर, अंगुलियों के बीच में और नाखून के भीतर तक, साबुन से अच्छी तरह साफ कर लें। विशेष रूप से खाना पकाने और खाने के पहले हाथ जरूर धोयें। इससे कई बीमारियों पर रोक लगती है।
- अपने नाखून नियमित रूप से काटें। नाखून को चबाने से और नाक खोदने से बचें।
- बच्चे कीचड़ में खेलते हैं। उन्हें भोजन से पहले हाथ धोने की आदत सिखायें।
- खून, मैला, मूत्र या कै को छूने से बचें।
शौच के बाद सफाई
- मल या मूत्र त्याग के बाद अपने अंगों को साफ पानी से धोयें। अपने हाथों को पानी से धोना न भूलें।
- शौचालय, स्नानागार और आसपास के इलाके को साफ रखें। खुले में शौच करने से बचें।
जननांगों की सफाई
पुरुष और महिला अपने जननांगों को हमेशा साफ रखें।- माहवारी के दौरान महिलाएं साफ और मुलायम कपड़े या सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करें। हर दिन कम से कम दो बार नैपकिन जरूर बदलें।
- जिन महिलाओं को दुर्गंध युक्त सफेद द्रव निकलता हो, उन्हें तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- मल या मूत्र त्याग के बाद अंगों को साफ पानी से धोयें।
- यदि आपको जननांग में किसी प्रकार का संक्रमण दिखे, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
- सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें।
- यौन गतिविधि से पहले और बाद में जननांगों को साफ करें।
खाद्य और रसोई की स्वच्छता
भोजन को प्रदूषण से बचाने, विषाक्त भोजन से बचने और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए रसोई में स्वच्छता का ध्यान रखें।- रसोई बनाने की जगह और बरतन को साफ रखें।
- बासी या प्रदूषित भोजन न करें।
- खाना पकाने और परोसने से पहले हाथ धोयें।
- उपयोग करने से पहले खाद्य सामग्री, सब्जी आदि को अच्छी तरह से धोयें।
- खाद्य सामग्री को अच्छी तरह रखें।
- खाद्य सामग्री खरीदते समय पैकेट पर लगे लेबेल को जरूर देखें, ताकि उपयोग करने की अवधि की जानकारी मिल सके।
- रसोई की बेकार चीजों को अच्छी तरह से फेकें।
चिकित्सकीय स्वच्छता
- घावों की ड्रेसिंग में सावधानी बरतें और उपयुक्त आकार की पट्टियों का इस्तेमाल करें।
- दवा खरीदते समय एक्सपायरी की तारीख जरूर देखें।
- अनावश्यक दवाओं को सुरक्षित ढंग से फेंकें।
- डॉक्टर की परची के बिना दवा न लें।